Sunday, August 9, 2009

पापा

पापा तुमसे सीखा...
अपने पैरों पर चलना
आवाज पर जुबां फेर बोलना
तारों में दादी को ढूढना
कहानियों में खुद को तलाशन।

नन्‍हें हाथों में कलम तुमने थमाई
क ख ग, ए बी सी डी से मिलवाया
कैसे अक्षरों से शब्‍द बनाएं
कैसे पढें और पढाएं।

तुमसे से सीखा सच बोलना
ईमानदारी का सबक
मेहनती लोगों का यश होता है,
ये आपने हमको बताया।

याद है मुझे आप की डांट
शैतानी पर पडी मार
अच्‍छे काम पर गले से लगाना
पुच्‍कारना और प्‍यार जताना।

हमारे भविष्‍य को लेकर
आप का त्‍याग
अपनी इच्‍छाओं का दमन
दो पैंट शर्ट के जोंडों,
एक जोडी चप्‍पलों में साल काटना।

शब्‍दों में मुश्किल है, पापा
तुमको लिखना,
तुम्‍हारे संघर्षों को, मुश्किलों को समझना
तुम प्‍यार व सादगी का अथाह सागर हो
मेहनत का पर्याय तुम्‍हारा जीवन है।

तुम्‍हारा अंश हूं
तुमसा बनना चाहता हूं।
बस आप जैसी ही मेरी पहचान बने
ये आशीश चाहता हूं।

आप दीर्घ आयु हों, निरोग रहें
भगवान से मेरी प्रार्थना है।