Saturday, July 12, 2008

राजनीति का नाटक


आखिर कर वाम दलों ने समर्थन वापस ले लिया। जो सबसे अचरज की बात रही, वो थी समाजवादी पार्टी का कांग्रेस को समर्थन, ये वही समाजवादी पार्टी है जिसके नेतृत्व में तीसरे मोर्चे का गठन हुआ था। और जो सभों में भाजपा और कांग्रेस दोनों को कोसते थे। आज वो सांप्रदायिक ताकतों के विरुद्ध कांग्रेस को मजबूत कर रहे है। अगर भाजपा को हटा दे तो बाकि बची पार्टियां जिनका वो विरोध कर रहे है कभी उनके साथ गलबहियां कर रहे थे। ये है अवसरवादी राजनीति का लाजवाब उदाहरण और मुहावरे को चरितार्थ करता प्रकरण की राजनीति में न कोई स्थायी दोस्त होता है न दुश्मन । कांग्रेस और भाजपा का विकल्प की बात करने वाले तीसरे मोर्चे के नेता अब मजाक से लगते है।

Wednesday, July 9, 2008

कन्या भ्रूण की माँ से विनती

माँ तेरी ममता की परीछा
आज ये बेटी लेती है,
कोख में हूँ, मजबूर हूँ मै
पर आज ये तुमसे कहती हूँ।
तेरे जिगर का टुकडा हूँ मै
मुझे तुछ पर विस्वास है
तू समझेगी मेरी व्यथा बस
मुझको पुरी आस है।
चाहे कोई तुझको समझाए
या मेरे विरोध में भड़काए
पर अपना बंधन मजबूत हो इतना
की कोई हमको जुदा न कर।
माँ तू माँ है, अपनी
अपनी ममता पर वार न होने देना
इस बेटी को दुनिया में न लाकर,
बेटी को बादनाम न होने देना।
दुनिया को दिखा देना की
माँ बेटी का रिश्ता कितना प्यारा है
संदेश मिले हर माँ को ये की
"बेटी सबका सहारा है"

Tuesday, July 1, 2008

फ़ेल किया चार लाख बच्चों को

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने चार लाख बच्चों को फ़ेल कर दिया। अब आप सहज ही अंदाजा लगा सकते है की राज्य में शिक्षा का क्या स्तर है।