Wednesday, July 9, 2008

कन्या भ्रूण की माँ से विनती

माँ तेरी ममता की परीछा
आज ये बेटी लेती है,
कोख में हूँ, मजबूर हूँ मै
पर आज ये तुमसे कहती हूँ।
तेरे जिगर का टुकडा हूँ मै
मुझे तुछ पर विस्वास है
तू समझेगी मेरी व्यथा बस
मुझको पुरी आस है।
चाहे कोई तुझको समझाए
या मेरे विरोध में भड़काए
पर अपना बंधन मजबूत हो इतना
की कोई हमको जुदा न कर।
माँ तू माँ है, अपनी
अपनी ममता पर वार न होने देना
इस बेटी को दुनिया में न लाकर,
बेटी को बादनाम न होने देना।
दुनिया को दिखा देना की
माँ बेटी का रिश्ता कितना प्यारा है
संदेश मिले हर माँ को ये की
"बेटी सबका सहारा है"

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