Wednesday, October 24, 2012


तेरी  इस अदा पे •ुरबान,
ये जमीं, आसमां और वो जहां,
खुदा बस्ता है जहां,
और क्या वार दूं
इस मसूमियत पर,
तू बता...?
ये शोख, हसीनों से हंसी,
नशा तेरा,
आंखों से उतरता नहीं।
मंजनूं, फरहात, रांझा सा न सही,
पर  मेरी मुहब्बत,
 इन से •म भी नहीं।
ए• बार इ•रार •र लो तुम
भले दिल रखने •ो
तुम्हारी ए• 'हांÓ
भर देगी रंग •ोरे जीवन में
•ट जाएगी जिंदगी
फिर इस वहम में,
•ी उन•ो भी हम से प्यार था।
- अरुण वर्मा 'अश्•Ó


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