लो भइया ! मुद्रास्फिति अपने १३ साल पुराने रिकार्ड को तोड़ कर ११.२ के क़रीब पहुंच गई। अर्थशास्त्र में पढा था कि जब मुद्रास्फिति ५ से ६ के बीच में हो तभी वो किसी भी विकासशील देश के लिए सही और उन्नति लाने वाली होगी। अगर ये आकंडा ६ से उपर हुआ तो समझ लो की अर्थव्यवस्था में महंगाई और बेरोजगारी अपने चरम पर होगी देश का बैंड नही पुरा का पुरा ऑर्केस्ट्रा बजेगा। ये समझ लीजिये अपने देश का ऑर्केस्ट्रा बज रहा है। वीपक्च इस ओर्केस्ट्रा में जहाँ नाच रहा है। वही सत्तापक्च परेशान है।
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