Tuesday, August 26, 2008

परेशान हूँ मैं

कुछ दिनों से बड़ा परेशान हूँ मैं
कुछ लिखना चाहता हूँ पर लिख नहीं पाता हूँ ।

सोचता हूँ पर सोच नही पाता हूँ
विचारों ने भी दामन छोड़ दिया है।

शब्दों ने आकार लेना बंद कर दिया है
ऐसा लगता है अभिव्यक्ति अब मुश्किल है।

बस संस्थान के निर्देशों पर इस कलम को चलाना है ।
आगे का जीवन कलम की दलाली करके बिताना है ।

सोचता हूँ छोड़ दूँ इस बंधुवा कलम को
लेकिन............................................

3 comments:

Udan Tashtari said...

सही तो चल रही है-अब क्या प्राण लोगे बेचारी कलम के. :)

अनूप शुक्ल said...

ऐसे ही लिखा करें।

उन्मुक्त said...

जब परेशानी में इतना अच्छा लिखेंगे तो ...