Saturday, August 2, 2008

ये खूनी खेल


मौत के सौदागरों ने जयपुर के बाद बंगलौर और उसके तुरंत बाद अहमदाबाद को निशाना बनाया । वो कहते है की हमने अल्लाह के निर्देश से ये बदले की कार्यवाही की है। लेकिन कोई उनसे पूछे किस से बदला और कैसा बदला। बदला उनसे जो बीमार थे, जो सड़क के किनारे अपना ठेला लगा कर अपने गुजर-बसर के लिए रोजी - रोटी कमाते थे । या फिर उनसे जो दिन भर का काम खत्म कर अपने घरों को वापस जा रहे थे। इस के पीछे हाथ चाहे जिसका हो एक बात तो पक्की है वो न तो हिंदू है न मुसलमान।
जिस मकसद की वो बात करते है या अगर वो ये कहते है की हमने बदला लिया है तो ये सिर्फ उनका भ्रम है। किसी के सिर से माँ-बाप का साया, किसी के घर का चिराग, हाथों से राखी, मांग से सिंदूर और किसी से उजले भविष्य उम्मीदे छीन कर अगर वो कहते है की हमने बदला लिया है। तो ये कैसा बदला जिसमे इन्सान ही इंसानियत को खत्म कर रहा है बदले के नाम पर।
अरे कातिलों ये बात समझो की आंख के बदले आंख पुरी दुनिया को अँधा कर देगी। इस से पहले की सारी दुनीया अंधी हो ये खूनी खेल बंद करो ....... बंद करो .....बंद करो ...........

2 comments:

राज भाटिय़ा said...

अरुण कुमार वर्मा जी आप कहते हे,**वो कहते है की हमने अल्लाह के निर्देश से ये बदले की कार्यवाही की है।फ़िर आप लिखते हे**इस के पीछे हाथ चाहे जिसका हो एक बात तो पक्की है वो न तो हिंदू है न मुसलमान। चलिये आप की बात मानते हे यह ना हिंदु हे ना मुसलमान, लेकिन जब वो कहते हे**अल्लाह के निर्देश ** तो मुसलमान क्यो नही इन का बिरोध करते,क्यो नही इन्हे अपने से दुर करते,क्यो काग्रेस से यह कहते कि हम लोग इस देश के वासी हे हमारे नाम से राजनीति मत करो, जो अतांक्वादी पकडे गये हे उन्हे फ़ांसी दो,क्यो नही इन सब बातो मे दुसरो का साथ देते???

राज भाटिय़ा said...

क्यो काग्रेस से यह कयो नही कहते कि हम लोग इस देश के वासी हे हमारे नाम से राजनीति मत करो